अलविदा



अलविदा 

आज वो बित गए दिन पुराने
भूल गये वो अबतक थे अपने
ना कही चाहत रखी है कुछ बाकी
ना लियी है इजाजत आझादिकि

इतने मजबूर थे क्या हमारे संग
क्या जिंदगी से थे इतने तंग
क्या प्यार में थी कुछ कमी
या मुझसे चाहिए थी आझादी

अब  ना सतायेंगे कभी तुम्हे यार
पर याद आओगे तुम बार बार
ना भूल पाएंगे तुम्हे कभी हम
दिल में सताओगे तुम हरदम

याद आते है मुझे ओ बेरुखे पल
जब दुनिया अँधेरी थी  हमारे बिना
कोई प्रिंस मिल गया होगा शायद
आज भी तड़पते है तुम्हारे बिना

अलबिदा ना कहना ओ मेरे गुल
लौट आयंगे तो कभी खुला है दिल
ये अचानक तूने यह क्या करदिया
अकेले छोडके हमें जुदा कर दिया


 

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