बेवफा नारी




Women are pschyologically & mentally differs from men. It is just because of natural responsibilty and family caring habits. Men unable to distingush basic contructional difference and try to compromoise with cultural binding, which rather finds critical & crisis invited situation.
 बेवफा नारी 

जितना उछलता है दिल अपना 
उनकी चाह गुमसुम है प्यासी  
कुछ और देखना चाहते है हममे 
ओ लब्ज से बया भी नहीं करती  
         यही है जो धोका लगता है हमें 
         क्या करे हमारी अदायगी यही 
         दिल में ढूंढो उसकी पुकार 
         शायद मिले कोई सुराग कही 
मइके से यह दुनिया बहोत अलग उन्हें 
ना जाने माहोल कहा क्या परोसा है  
जहा प्यार मिला वहा झुक जाते फूल 
समय लगना अजनबी को मुनासिफ है 
         यही है नारी जनम का दुःख सदा के लिए 
         घर बदलता है भरी जवानी में गैरो की तरह 
         प्यार ना मिला कही चिपक नहीं सकते 
         मिला भी तो जीना गुलामो की तरह 
आदमी की दुनिया बदलती तो नहीं 
नयी दुल्हन को बिल्ली मारने की सजा है 
ससुराल वाले टटोलते है हर कदम  
आदमी को सभी शोक, शान जंसे है जनाब 
        कब ख़त्म होगी ये गुलामी की जंजीरे 
        कब ख़त्म होगी दहेज़ की फरेब 
        कब ख़त्म होगी मातपिता की फक्र 
        क्या यही है दुनिया का दस्तूर  ?

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