सौंदर्य
सौंदर्य
तेरे चहरे की मासूमियत ने
दिल को दर्द से भर दिया
आखे चौकन्ने रह गयी
जैसी अप्सरा स्वर्ग से उत्तर आयी
ऐसा लगा मेरा सारा लूट गया
क्या लूट गया कुछ पता न चला
तेरे नयनो में देखा मैने
कुछ अजब सी पुकार थी
मेरा हृदय आसुओसे भर उठा
क्या गहरी प्यार की आस थी
सुन पड़ी थी सारी राहे
आसमा भी सुन्न था
मंद मंद हवा में प्यास थी
तेरी रुदन की आवाजसि
सिनेमे दर्द की घुटनसी
दिल मिलने की तृष्णा थी
चाहा मेरे दिलेने सिनेमे समालु
तेरी तृष्णा को आँखोसे पीलू
Comments
Post a Comment