अनसुनी यादे
अनसुनी यादे
मेरी बिखरी हुई यांदे पतझड़ जैसी उड़गयी
मै मेरी उदासी में गम को लिए बैठा
ना तेरी आवाज आयी ना साद मैने पायी
गुमनाम यादो की साया कोहरामे में लहरायी
तेरी आंसूओके स्पंदन दिल का अनसुना रुदन
मुझे ना पुकारो फिरभी हम तुम्हारे दिल में है सनम
पलकें नहीं हटती चेहरेसे नजरोको कलम कर लिया
शायद सास ना ले पाये दिल गुमशुदा होगया
क्या जख्म है दिल में कुछ कह नहीं पाते
आसु भी टटोलते है दिल को बार बार पूछ के
ऐसा क्या गुनाह कर लिया हमने क्या खोज रही आखे
दिल खोलकर बैठे है थोड़ी माफ़ी तो कर देना
होंगे गुनहगार हम शायद ये सजाये नज़ारे हमें कुबूल
कह देना जो दिल में है नाराज ना होना हम है मशगूल
पलकें नहीं हटती चेहरेसे नजरोको कलम कर लिया
शायद सास ना ले पाये दिल गुमशुदा होगया
क्या जख्म है दिल में कुछ कह नहीं पाते
आसु भी टटोलते है दिल को बार बार पूछ के
ऐसा क्या गुनाह कर लिया हमने क्या खोज रही आखे
दिल खोलकर बैठे है थोड़ी माफ़ी तो कर देना
होंगे गुनहगार हम शायद ये सजाये नज़ारे हमें कुबूल
कह देना जो दिल में है नाराज ना होना हम है मशगूल
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