मजबूर



 मजबूर 

तुझे देखे बिना मेरा दिल लगता नहीं 
दिल तरसता  है पल पल तेरे लिए 

मुझे क्या होगया पता चलता नहीं 
ये कैसी है तड़प ये खुद हमें मंजूर नहीं 

आज़ाद हूँ इस दुनिया में मै 
ये कौनसी जंजीरोसे बंध गया हूँ 

तेरे नजरो की प्यास कितनी गहरी 
मै तो कुछ भी कर पाता नहीं 

क्या पीलू मै सारी ओ तड़प 
जो छिपी है तेरे दिल के समंदर में 

आजा मेरे आशिकी आज़म मेरे दिल में 
मुझे सवेरेले ज़रा, मै दीवाना तेरा

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