गहरी गहरी नजरोसे
गहरी गहरी नजरोसे
गहरी गहरी नजरोसे
क्यों झाकती है नयन तीर ?
ख़ुशी चहरे की लुप्त हुयी
क्या नाराजगी है हमसे जी ?
विलोल बदामी नयन तेरे
घुस्सा ना परसो जी
गुलाब पंखडिया जैसे ओठ
स्मित पर गाल रूठे क्यों जी ?
तरकीब जाने ये सब की
हम जाने सबका उपाय जी
च्युस के घुस्सा ओठोंसे
सब खुशिया वापस आये जी
ये भी शायद मंजूर नहीं
आओ दिल में समाओ जी
यादे घरकी आती होगी
ज़रा दिल मे सबकुछ कहदो जी
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