तुम्हारी याद आएगी
ना सजाओ खुदको , इसकी जरुरत नहीं
हुस्न ही गुलाम है , कहने की जरुरत नहीं
परदा लगालो सनम , चाँद को ना देखे कोई
मुस्कराते रहो तुम, ये मेरी ख्वाइश रही
तूम जहा रहोगी , पूनम तो सदा होगी
याद में हमारे, तुम हमेशा रहोगी
भूल जाना ही , सजा मंजूर है हमें
प्यार तो क्या है ,यदि सब पसंद तुम्हे
कभी तनहाई में तुम्हारी याद आएगी
कही दूर चले जाएंगे आसु छिपा लेंगे
सिनेमे दबाये गमको वीरान जगह लाएंगे
रोनेकी उसकी तमन्ना को हम भी साथ देंगे
हमने तो पूजा है तुम्हे दिल के दिलमे
यह ओठ तेरे कमल के पंखड़ी की तरह
हमने तो पूजा है तुम्हे दिल के दिलमे
याद में तेरे बैठे है , नयनो के झील में
ताकते रहते है सदा आसुओमे नहाते
क्या है छिपा मुखड़ेपे ना समझ पाते
यह ओठ तेरे कमल के पंखड़ी की तरह
नासिकाभी जो है चाफ़े कली की तरह
शाम की सांज सजी है तेरे गालो पर
दिल सुनासुना होता है तुम्हे देखने पर
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