मुसाफिर
मुसाफिर
मै बीमार दिल का मुसाफिर हूँ
मुझे खुशिया देकर चलना है
मुझे दर्द की आहट सताती है
तो मेरे कदम आगे चलते नहीं
सुलझाने की लत है मुझे
खुद ही उसमे उलझता हूँ
बदनाम कराती राह मुझे
फिर दिल में और तड़पता हूँ
मुझे दम की गम से सवारते हो
खुद मधु मख्खियोसे लूट गया हूँ
मुझे डर की खाइमे मत ढकेलो
मै तो तुम्हारा हमदर्द हूँ
मुझे पता नहीं राज मुकुट का
गलतीसे गुनहगार बनगया हूँ
मै हमसफ़र का ताज हूँ
मेरे दर्द का उनपर असर है
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