इल्जाम
इल्जाम
हमे क्या पता था ?उस काबिल भी थे हम
दिल कलम कर लिया उसने जब गाफील थे हम
हुस्नने कैदी बनाया हमे , मुझरिम थे हम
होश मे रेहेते तो ना जाने क्या कर बैठते
इल्जाम हमे ना लगाओ , जाम था वह हुस्न का
यादी हम कुछ ना करते , तो इल्जाम वैसेभी लागते
नजरो कि कदर कि हमने ,ना झुकायी नजरे
ना घायल होते , ना तुम कायर कहते
तमन्नाओ से नफरत है हमे नफरत हि बनी तमन्ना
उलझने सिर्फ जलती रही अब तो मुस्काराये उफ तमन्ना
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