जिगरी दोस्त ( ईश्वर )
मै बेखबर हूँ खुद की पेहचानसे
तू तो मेरी पेहेचान से मुनासिब है
तू दीवाना है मेरा
मै तो तेरा शागिर्द हूँ
मुझे नफ़रत है तेरी खुदाई पर
तुझे नफ़रत है मेरी जुदाई पर
तू मुझ में समा है
मै तुझे ढूंढता फिरता हूँ
इतना ना प्यार कर दीवाने मुझसे
सामने आकर गले मिलजा मुझसे
मै यही तो चाहता हूँ
तेरी दीवानगी पर तू डरता है
अज्ञान की दुनियाको सच मानकर जीता हूँ मै
सच से ज्यादा खूबसूरत अज्ञान लगता है मुझे
तू सुधारने की कोशिष में है
मै बिघडता चला हूँ
अज्ञान में जिकर सच का पता चल गया मुझे
पर अज्ञान से बेहद प्यार हो गया मुझे
तू खुदाई पे अटका
मै अज्ञान में लटका
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