फूल खिला एक सुन्दर




फूल खिला एक सुन्दर


गर्द विभोर  हरे पेड़ पर 
जैसे फूल खिला एक सुन्दर सुन्दर 
पंखुड़िया अति नाजुक मलमल 
मकरंद ह्रदय में प्रेमळ प्रेमळ 

लगता तितली बन जाऊ 
भंवरा बना तो जखड़  जाऊ 
ह्रदय विराजु मंद आसान पर 
मन में भरदु प्यार का समुन्दर 

पंखडिया तो होगी कोमल कोमल 
जैसी बाहो की कमान विशाल 
मदहोशि  में भर जाऊ  मै 
मदु प्राशन में सबभूल जाऊ मै 


मन मोरा याद करे प्रियतमा 
कैसे दिन गुजर जाये प्रियतमा 
मै बून्द बून्द तरसाओ प्रियतमा 
ना लगे मोरा जिया कही प्रियतमा

Comments

Popular Posts