सनम तुही है










सनम तुही है

जिस दिलमे झंकार उठ रही 
प्यार की आवाज सदा गूंज रही 
जो हमारे दिलमे है बसी 
सनम तुही है ,तुही है ,तुही है
 

 नयन जिसके हिरनी जैसी 
चिंता सारी गाँव की बसी 
फिर भी मुख पर लाती हसी 
सनम तुही है ,तुही है ,तुही है

जिसकी नासिक चाफ़े कली 
गाल है जैसे आम्रफली 
ओठ सही में अनारकली 
सनम तुही है ,तुही है ,तुही है

दिल कोने में छिपा दिया 
सपने में सिर्फ याद किया 
गालो की लाली है हस पड़ी है 
सनम तुही है ,तुही है ,तुही है 

फूल जैसा चेहरा जिसका 
फल की मिठास दिल है जिसका 
वृक्ष की छाया प्रेम है जिसका 
सनम तुही है ,तुही है ,तुही है

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