तड़प
पिया जब समर वेकेशन में गाव जाती है तो प्रियकर की क्या हालत होती है , यह इस कविता में बया की है .piyaase जल्दी आनेका वचन लेता है।
तड़प
दिए गए हर कसमोकी कसम तुझे है
राह देखते देखते सुक गयी आखे
तुम ना आयी तो भर आई आखे
अब ना सुनूंगा मै , झुटे तेरे वादे
दिए गए हर कसमोकी कसम तुझे है
दूर दूर जाते समय नज़रे साथ चलती
रुक जाती आखिर में ,तू और दूर जाती
तेरे सिवा ना लागे मनवा, बन गया बावरा
दिए गए हर कसमोकी कसम तुझे है
रूठना ना मुझसे तूने , ऐसा कभी ना करना
तेरे बिन ना लागे मेरा , दिल ये अकेला
तुझे ना परवा मेरी तेरे बीन सूना है
दिए गए हर कसमोकी कसम तुझे है
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