प्रार्थना
सुबुद्धी दे मज हर एक विवेकी
प्रविणता मिळू दे कार्यात संगी --------------१
तत्पर असो मी प्रत्येक क्षणी
क्षमाशील असो मी सार्थ जीवनी-----२
प्रसन्नता वदनी सदा वासू दे
गतिशील कर्मी सदा असू दे ------------------३
प्रत्येक कार्यात तू संगे असावे
चुकले तरीहि तू सावरावे -----------४
सदा सर्वकाळी तुझी रे प्रभाळी
मनी अंतर्यामी दासदिशा उजळी -------------५
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विद्यार्थ्यां साठी स्ववचन
कार्य प्रवीण मी सारे काही मज जमते
तत्पर मी असे पटकन सारे कळते--------------१
प्रगती पथावर पाउल पुढे टाकतो
वाढे प्रगती रोज पुढे जातो ------------------२
कामात गती नित्य वेगाची
सवय जडली भरभर का करायाची ------------३
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