मधुमेह




   बहोतसे पेशंट मधुमेह ( Diabetes )  से परेशान रहते है। जब खून में शुगर बढ़ जाती है तब दवाई लेना जरुरी होता है।मधुमेह पर ऐसी दवा तो है नहीं की जो पूरी  तरह से मधुमेह को निकाल सके और पेशंट मुक्त हो जाए। क्या कोई ऐसी योजना है जो मुक्त में , कम  समय में मधुमेह से छुटकारा दे सके ? जी हाँ है। 
              एक्यूप्रेशर के अनुसार अग्नाशय (स्वादुपिंड) की अकार्यक्षमता या कमजोरी इसका कारण है। इसीलिए अग्नाशय ( स्वादुपिंड ) को सशक्त बनाना व मूल तरहा कार्य में लाना हेतु है और यह सिर्फ एक्यूप्रेशर द्वारा ही सिद्ध हो सकता है।

                   वास्तव में शुगर ( ग्लूकोज ) हर एक के शरीर में तैयार होती है। यह ग्लूकोज इन्सुलिन के कारण ताकद ( शक्ति ) में बदल जाती है।  यदि इन्सुलिन ना मिले तो शरीर को शक्ति नहीं मिलेगी। इन्सुलिन अग्नाशय में तैयार होती है। अग्नाशय यदि ठीक तरह से काम करेगा तो शुगर की बिमारी नहीं हो सकती। 
                    कुछ बुरी आदतो के कारण जैसे की दारु पीना, ज्यादा खाना , बेटाइम खाना इसके कारण अग्नाशय कमजोर होता है। और अग्नाशय कम  इन्सुलिन पैदा करता है जिससे ज्यादा ग्लूकोज  का शरीर में ताकद  में रूपांतर नहीं होता  और ग्लूकोज खून में दिखने लगती है।



                       एक्यूप्रेशर में आसान तरीके से खुद उपाय कर सकते है। अंगूठे ( के नाख़ून ) से पाइंट न. २५ को दबाना है।  दबाना मतलब दबाना और छोड़ना फिर दबाना , इस तरह २ मिनिट तक यह क्रिया करनी है। इसके बाद कुछ सहारा देने वाले पाइंट को भी दबाना है। वह है --पाइंट न. ८, १६, २६, १८, २८, ११ से १५ तक।  हर एक पाइंट को देड मिनिट तक दबाये । यह क्रिया दिन में ३ बार ऐसे १५ दिन तक करनी है।  उसके बाद हप्ते में दो बार करे।  दबाव देनेका प्रमाण पेशंट के सहन शक्ति अनुसार कीजिये। उपचार के पेहेले और बाद में शुगर टेस्ट जरूर करवा ले, ताकि मधुमेह पूरी तरह से निकल गया है या नहीं इसका पता चले। 

अपान मुद्रा :-
 यह एक ऐसी मुद्रा है जिससे मधुमेह भी दूर हो सकता है। साथ में दिए चित्र में पूरी तरह से दिखाया है। मध्यमा व अनामिका उंगलियो के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग को जोड़ना है।  बस हो गयी आपकी अपांन  मुद्रा। यह उंगलियाओ की स्थिति १० मिनिट तक रखिये। दिन में  २ बार यह मुद्रा कीजिये।  इससे मधुमेह तो कम होगाही , साथ साथ दूसरे फायदे भी मिल सकते है। उदा; पाइल्स , किडनी स्टोन, पेशाब के प्रॉब्लम।  शरीर का शुद्धि करण  होता है। महिलाये  प्रेग्नंसी के  दौरान यह मुद्रा ना करे। 

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