परदा


    परदा 

छुप कर देखनेमें जो तस्सलियात का खुमार है 
वह असलियत में नहीं दीखता 

ढके  हुवे बदन में
हुस्नकी जो गुंजाइश रहती है 
वह असलियत  में नहीं रहती 

बदली का परदा डालके 
उसने पुरे धरती को हराभरा कर दिया 
वह असलियत में बंजर ही रहती 
               
            



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