kali



kali

कही नींद कभी खुल जाए 
सामने तेरा चेहरा आजाये 
भूलकर भी भुला ना  पाये तुम्हे 
आसु ओ के साथ याद आये 

ये मेरे दिल की कलि तू आ जाना 
तेरे बिन दुनिया मेरी अधूरी है 
पलको में मै बिठा लूंगा तुझे
सीने में मै छुपा लूंगा तुझे  

याद करके भयी उदासी सनम 
अकेले मे भी दिल लगता नहीं 
मै जाऊ कहाँ  कहा छुप जाऊँ 
तुम सीने में सदा रोती हो 

क्या करू तेरी मुरझाई पलकें 
कभी दिलसे हटती नहीं 
मुझमे तू इस तरह समाई  हो 
मै मुझमे गुमनाम होता हूँ  

कभी रात हुई दिन निकला 
यह मेरे लिए गवारा है 
 तू नहीं तो दुनिया उजड़ी है
तेरी पलको तले सहारा दे

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