हुस्न की कली
हुस्न की कली
नयनोसे ना देखो इस तरह के हम गुलाम तेरे होजाये
अदाओ पे फ़िदा ऐ हुस्न कली कही प्यार तुमसे ना होजाये
आँचल में छिपालो गालोको
कही शाम खुशीकी उत्तर आये
गुलो को वजह मिल गयी तो
गालो पर हसी उत्तर आये
जुल्फे ज़रा हटाना चहरे से
घुंगरालु हुए है भाल पर
पलको की झील मिल ना कीजिए
नजरे नजर से मिलाने दो
तेरी ये चाल नखरीली
मोरनी जैसी थमकती है
मुड़के ना देखो नजरो से
अदाओँकी मेहफिल सज जाए
शायद हमसे प्यार होजाये
तेहेकते रहेंगे सदा के लिए दोष ना देना फिर हमको
गुलो को सजा ना हो जाए
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