बचपन




               बचपन 
याद बनाने के लिए ही तो यह बचपन 
जिंदगी को सुनहरी किनार लगा देता है 
कभी मिलगये तो पुराने साथी 
उसका मजा भी कुछ और होता है 

निकल पडो नए जीवन के सैर के लिए 
कुछ यादे भी ताजा हो जायेगी 
हमें भी बताना सारी  गुमशुम बाते 
आपके ख़ुशी में हम भी साथ हो जाएंगे 

हमारी यादो ने तनहाई की चुनरी ओढली है 
नाराज है हम पर हमारी बेखुदी पर 
कुछ लौटाया नही हमने जो दिया था उसने 
मतलबी हो गए थे, सब कुछ चुरा लिया था , ओ दर्द था 

उन्हें बुलाये  तो भी आते नहीं ओ पल 
चले जाते है यादे सुनहरी छोडके 
आसु बनकर कभी रुलाते है ओ पल 
भूलकर भी भुला नहीं सकते उन्हें

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