प्यार का रोग




प्यार का रोग

गोरी तोहे लग गया प्यार का रोग
बड़ा हठ्योग
प्रेम का भोग
नटखट प्यार की स्वारी  ,अब तोहे चैन कहाँ  से गौरी

यहाँ नाही भगत ना कोई बैद
घर में  कैद
सपनोकी सेज
सपनोमें मिलना प्यारी ,अब तोहे चैन कहाँ  से गौरी

कभी करियो ना  किसी से प्यार
करना इंतज़ार
मिले तो ऐतबार
लक पर बाते सारी, अब तोहे चैन कहाँ से गौरी

बेकरारी पर आता जब दिल 
बड़ी मुस्किल 
करके ग़ाफ़िल 
मिलके आ छोरी , अब तोहे चैन कहाँ से गौरी

कही झंझट ना लगाना पीछे
प्यार के साझे  
देखना पड़े निचे 
बुझाने अगन भारी, अब तोहे चैन कहाँ से गौरी

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